मानव उत्पत्ति के बाद सर्वप्रथम प्राथमिक ज्ञान का विज्ञान ही खगोल विज्ञान है। मानव की उत्पत्ति होने के बाद जब भी वह आसमान की ओर देखता तो उसे दूर तक फैला नीला आकाश दिखा और वहाॅ उसे दिन मे सूरज और उसका चमचमाता हुआ प्रकाश और उसकी उष्मा को महसूस किया। रात में वहाॅ उसे ढेर सारे टिमटिमाते तारे, और कभी गोल और कभी घटते बढते चन्द्रमा की मोहक छटा देखकर कौतुहल में डूब जाना। इस तरह से उसने इन्हे पहचानना समझना सीखा और तब से वह सूर्याेदय, सूर्यास्त, चाॅद-तारों का निकलना, टूटकर गायब हो जाना, आदि घटनायें के रहस्य को जाननें के लिये आसमान को निहारना उसके जीवन का हिस्सा बनती गई । आज यह सब घटनायें साधारण सी क्रियाए लग सकती है लेकिन जो आज भी सभी को अदभुत व रोमांचकारी लगती है। कई खगोलीय घटनाएं तो ऐसी होती है जिन्हे मानव अपने जीवन काल मे केवल एक बार ही या नही भी देख पातें है फिर हम इन अदभुत घटनाओं का अपने जीवन अथवा अन्य जीवित प्राणियों पर उन घटनाओं के अच्छें व खराब प्रभावों से जुड़ें अंधविश्वासों के साथ अपनें आप को जोड़ लेतें और उससें संबधित सही जानकारियो को जानने का प्रयास नही करते । जबकि कीट, पतंग, पेड़, पौधे, पशु, पक्षी आदि सभी पर खगोलीय घटनाओ का असर समान रूप पड़ता है ये सब प्राकृतिक खगोलीय घटनाए है इनमें से बहुत सी घटनायें का विज्ञान ने खुलासा कर दिया है और लगातार इस दिशा में खगोल वैज्ञानिक प्रगति कर रहें है और ब्रम्हाण्ड के रहस्यों को खोलने के लिये अनुसंधान कर रहें है।
मध्य प्रदेश विज्ञान सभा, विगत 19 सालों से मध्य प्रदेश मे खगोल विज्ञान के प्रति रूचि, समझ एवं जागरूकता के मकसद से इस कार्यक्रम को आयोजित करती आ रही है। यह मध्य प्रदेश विज्ञान सभा का प्रतिवर्ष होने वाला प्रदेश स्तरीय जन विज्ञान कार्यक्रम है जिसमे खगोलीय घटनाओ के प्रति व्याप्त अंध विश्वासों के पीछे छुपे वैज्ञानिक तथ्यो को उजागर कर आम जन को मुक्ति दिलाना है। प्रदेश के जिले, ब्लाक एवं गाॅव तक जन विज्ञान कार्यक्रम कि पहूॅच बनानें का प्रयास किया जाता है। राज्य खगोल विज्ञान उत्सव इस जन विज्ञान कार्यक्रम का ही एक कदम है।
मध्य प्रदेश विज्ञान सभा, खगोल विज्ञान उत्सव का आयोजन प्रति वर्ष आयोजित क्यों करती है क्योकी यह वह विज्ञान है जिसको सीखने समझने के लिए आपको किसी विशेष प्रयोगशाला कि जरूरत नहीं है। आपकी प्रयोगशाला खुला आसमान है जिसका अवलोकन करें और अपने ज्ञान, अध्ययन एवं विवेक से अपनी जिज्ञासा व समझ के जरिये खगोल विज्ञान की साखा को समृद्ध करने की दिशा में अपना कदम बड़ा सकते है। हम इन अदभूत घटनायों के नजारों को निहारने का मौका छोड़ न पाये, इसका अदभूत आनन्द ले सके यह इस जन विज्ञान कार्यक्रम का प्रयास व संदेश है।
प्रतिभागी कौन
1 वे सभी विद्यार्थी जो कक्षा 7, 8 एवं 9 में अध्यनरत है
1वे सभी विद्यार्थी जो कक्षा 10, 11 एवं 12 में अध्यनरत है
आकर्षक पुरस्कार
जूनियर : 1500 रु.
सीनियर : 2000 रु.
जूनियर : 1000 रु.
सीनियर : 1500 रु.
जूनियर : 750 रु.
सीनियर : 1000 रु.
जूनियर : 500 रु.
सीनियर : 750 रु.
जिला स्तर पर चयनित दोनों समूहों के प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों
को विज्ञान प्रसार, नई दिल्ली द्वारा भी पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया जावेगा।
निर्णायक मंडल का ही निर्णय अंतिम होगा।